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Thursday, August 4, 2011

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गाजियाबाद पुलिस की ''फेसबुक'' में लोगों का भरोसा नहीं ?
अत्याचार, अव्यवस्था के खिलाफ अब पूरी दुनिया में आवाजें उठने लगी है। सब लोगों का विरोध करने का तरीका अलग-अलग है कुछ लोग समूहों में एकत्र होकर, धरने-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताते है तो दूसरी तरफ कुछ लोग (जिन्हें आप नेटीजन कहे सकते है) इंटरनेट के माध्यम से अपना विरोध प्रकट करते है। ऐसा पिछले कुछ दिनों में देखने को मिला भी । हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों में इन नेट यूजर्स ने बड़ी भूमिका निभाई। नेट के माध्यम से लोगों को निवर्तमान सत्ता के खिलाफ सोचने और कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया गया। जिसके चलते तीन दशक से ज्यादा कब्जा जमाये सत्ताधारियों को अपनी कुर्र्सी से हाथ धोना पड़ा।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए लोग अपना विरोध आसानी से जता रहे है। विरोध शासन-प्रशासन में फैली अव्यवस्था के खिलाफ हो  या फिर बीच सड़क में जाम लगाये पुलिस कर्मियों की बदइंतजामी के। फेसबुक पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के पेज को अब तक 73 हजार से ज्यादा लोग पसंद कर चुके है। इसके लोकप्रिय होने का कारण यह है कि फेसबुक यूजर्स कहीं भी दिल्ली पुलिस या अन्य लोगों को बिना हेलमेट पहने, बिना सीट बेल्ट लगाये या वाहन चलाते वक्त मोबाइल का यूज करते हुए उनकी फोटो को अपने कैमरे में कैद कर लेते है औैर उसे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अकाउंट पर समय और जगह के साथ डाल देते है। जिसके जवाब में दिल्ली पुलिस प्रभावी कार्रवाई करती है। दिल्ली की तर्र्ज पर फरीदाबाद में भी फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने अपना अकाउंट बनाया है जिसे कुछ ही समय में 700 से अधिक लोगों ने लाइक किया है। फरीदाबाद के लोगों में इस नये तरीके से की जाने वाली कार्रवार्ई के चलते एक जूनून सा छाया हुआ है। 
 फेसबुक यूजर्स की इस दौड़ में उत्तर प्रदेश काफी पीछे रह गया है।  यूपी ट्रैफिक पुलिस के अकाउंट को 2500 से अधिक लोगों ने लाइक किया है। नोएडा टे्रफिक पुलिस के अकाउंट को अब तक लगभग 500 लोगों ने पसंद किया है। जबकि गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस के अकांउट को लाइक करने वाले लोगों को आंकड़ा बहुत कम है। इनकी संख्या शतक से भी कम है। क्या गाजियाबाद की पब्लिक तकनीक की इस दौड़ में पिछड़ गयी है ? या फिर लोगों में गाजियाबाद पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के प्रति विश्वास की कमी है? कुछ लोगों का कहना है कि जब यूपी पुलिस ऑन रोड़ घटित होती घटना को ही नहीं रोक पाती तो नेट के माध्यम से क्या कार्रवाई करेगी! शायद इसी वजह के चलते नेटीजन गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस अकाउंट को कम लाइक करते है।  

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