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Wednesday, February 2, 2011



...रफ्तार ने ढहाया कहर

ईश्वर ने इस संसार के सभी प्राणियों को एक ऐसी अलौकिक शक्ति प्रदान की है जिसके अभाव में कोर्ई भी जीव (अब चाहे वह मानव हो या जानवर) अपने को अकेला उदास, अपने से घृणा करने वाला, किसी अनजानी बीमारी से जूझता हुआ पाता है, और वह अपने को अन्य सभी लोगों से कमतर आंकने लगता है। उसके मन में तरह-तरह की कुंठाएं घर कर लेती हैं। आप उस अलौकिक शक्ति नाम जानते ही होंगे। अगर अब भी आप नहीं समझ सके हैं तो हम आपको बता देते हैं उस अलौकिक शक्ति का नाम है 'प्रेमÓ। आप और हम प्रेम की महत्ता से भली-भांति परिचित हंै। यह मृत्यु के इंतजार में बैठे व्यक्ति में भी जीवन जीने का इच्छा जगा देती है। इसके सामने संसार की धन-दौलत मायने नहीं रखती है। भगवान ने इसको बांटने में कोई भेदभाव नहीं बरता है। अब चाहे वह इंसान हो या कोर्ई जानवर, सभी को एक  समान स्नेह भाव प्रदान किया है। कहीं न कहीं हम जाने-अनजाने दूसरों की खुशहाली को ग्रहण लगा रहे हैं। आधुनिक समय में हम अपनी रफ्तार के सामने किसी जीव के प्राणों को बलि देने से नहीं चूकते हंै। ऐसा ही एक वाकया मेरे सामने पेश आया। मैं अपनी नित्य दिनचर्र्या के बाद जब शाम का भोजन ग्रहण करने के बाद टहलने के लिए बाजार गया। बाजार में घूमते हुए मैंने देखा सभी अपने- अपने कामों में लगे थे। यह सब देखते हुए मैं बाजार में आगे बढ़ा। इस दौरान बाजार में सभी वाहन जैैसे साइकिलें, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि आ जा रहे थे। मैंने देखा बाजार में एक किराने की दुकान केपास एक कुतिया जिसके साथ उसके दो पिल्ले (बच्चे) थे। अपने बच्चों को बड़े प्यार से अपनी जीभ से सहला रही थी। और बच्चे भी उसके समीप बड़े आराम से बैठे हुए थे। उनका एक छोटा सा परिवार इतमिनान से बैठा हुआ कुछ सूखे ब्रेड खा रहा था।
  जब मैं बाजार के कोने से वापस घूम कर घर की तरफ आ रहा था तो मैंने देखा एक पिल्ला कुतिया के पास से उठकर सड़क पार कर रहा था तभी एक तेज रफ्तार से आती मोटरसाइकिल जिस पर पर तीन लोग सवार थे। उस पिल्ले के ऊपर से गुजर गयी। बेचारा पिल्ला बुरी तरह से चिल्लाने लगा। उसकी चीख सुनते ही कुतिया उस ओर भागी। उसने अपने पिल्ले को देखा और उस मोटरसाइकिल को जिसने उसके बच्चे को रौंदा। मोटरसाइकिल सवार इस हादसे के बाद कुछ पल के लिए रुककर पीछे देख रहे थे। कुतिया उन सवारों की तरफ झपटी और काफी दूर तक उनके पीछे भागी। पर सवार अपने रफ्तार के दम पर गायब हो चुके थे। बेचारी असहाय कुतिया वापस अपने पिल्ले के पास गई और कराहते हुए अपने बच्चे को सहलाती हुई उसके पास बैठ गई उसकी विवशता औैर करूण स्वर देख मैं विचलित हो उठा। कुछ ही देर में उसका बच्चा दम तोड़ देता है। औैर बेचारी कुतिया अपने मृत बच्चे का सहलाती हुई उसके पास बैठी रहती है। यह सब देख मेरा दिल पसीज गया। औैर एक आवाज मन से आयी शायद वह बाइक सवार अपनी रफ्तार कुछ धीमी रखता तो एक मां का बच्चा उससे बिछडऩे से बच जाता।

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